विपक्षी गठबंधन INDIA की प्रमुख सदस्य आम आदमी पार्टी (AAP) को कांग्रेस का साथ मिलता नजर नहीं आ रहा है। कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने गुरुवार को कथित ‘शराब घोटेल’ के मामले को लेकर आम आदमी पार्टी पर तीखा हमला बोला।
सिद्धू का ये हमला ऐसे समय में आया है जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तलब किया है। AAP के कुछ शीर्ष नेता पहले से ही न्यायिक हिरासत में हैं।
‘चोरी और ऊपर से सीना जोरी’
अपने पटियाला आवास पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, सिद्धू ने कहा कि आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार द्वारा लाई गई उत्पाद शुल्क नीति को इसके कार्यान्वयन के तीन महीने के भीतर वापस लेना पड़ा, जिससे “स्पष्ट होता है कि कुछ गड़बड़ है।” पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख ने कहा, “वे यह कहकर (सत्ता में) आए कि वे कॉलेजों, स्कूलों या धार्मिक स्थानों के पास शराब नहीं बेचेंगे। जब दिल्ली में यह (आबकारी) नीति आई, तो यह लगभग 2.5 से 3 महीने तक प्रभावी रही। और इसे 2.5-3 महीने बाद वापस लेना पड़ा।”
सिद्धू ने तंज कसते हुए कहा, “जब किसी कार को वापस लिया जाता है, तो यह उसकी खराबी के कारण ऐसा होता है। अगर यह (शराब नीति) जनहित में थी तो इसे वापस क्यों लिया गया? यही नीति पंजाब में लागू की गई है और अभी तक वापस नहीं ली गई है।” सिद्धू ने कथित शराब नीति घोटाले पर आप की प्रतिक्रिया को ‘चोरी और ऊपर से सीना जोरी’ बताया।
पूछताछ के लिए ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए केजरीवाल
दरअसल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब खत्म हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति से संबंधित एक मामले में पूछताछ के लिए बृहस्पतिवार को प्रवर्तन निदेशाल (ईडी) के समक्ष पेश नहीं हुए। उन्होंने केंद्रीय जांच एजेंसी को पत्र लिखकर उन्हें भेजे गए समन को ‘‘वापस लेने’’ की मांग की और कहा कि नोटिस ‘‘अस्पष्ट, (राजनीति से) प्रेरित और कानून के मुताबिक विचारणीय नहीं’’ है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ईडी मुख्यमंत्री के जवाब की समीक्षा कर रहा है। ईडी से जुड़े सूत्रों ने संकेत दिया कि केजरीवाल को नयी तारीख दी जा सकती है क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने हाल में अभियोजन पक्ष की ओर से दिए गए आश्वासन का संज्ञान लिया है कि मामले की सुनवाई अगले 6-8 महीनों के भीतर समाप्त हो जाएगी। केंद्रीय एजेंसी ने केजरीवाल को कथित दिल्ली आबकारी नीति मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था और वह धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनका बयान दर्ज करने वाली थी। इस मामले में केजरीवाल की पार्टी के सहयोगी मनीष सिसोदिया और संजय सिंह न्यायिक हिरासत में हैं।