पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में कथित भूमि कब्जा और महिलाओं के यौन उत्पीड़न मामले में 6 साल से निलंबित टीएमसी नेता शाहजहां शेख को दो दिन के हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद सीबीआई के हवाले कर दिया गया है।गुरुवार को एक बार फिर शाहजहां शेख प्रकरण पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने सुनवाई की। हाई कोर्ट ने आश्चर्य जताया कि शाहजहां शेख अभी तक जिला परिषद का प्रधान क्यों बना हुआ है?मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की पीठ ने शेख के वकील सब्यसाची बनर्जी से पूछा, “क्या शाहजहां शेख को जिला परिषद के प्रमुख के पद पर बने रहना चाहिए?”
कलकत्ता हाई कोर्ट में संदेशखाली प्रकरण पर सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अशोक कुमार चक्रवर्ती ने अदालत में कहा कि शाहजहां शेख को अभी भी राज्य कैबिनेट मंत्री की शक्तियां प्राप्त हैं। इसलिए उन्हें प्रधान के पद से तुरंत निलंबित या हटाया जाना चाहिए। इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने कहा कि शाहजहां शेख पहले से ही तृणमूल कांग्रेस से निलंबित हैं। लेकिन, पीठ इस जवाब से बहुत आश्वस्त नहीं दिखी और मामले को 4 अप्रैल के लिए टाल दिया है। हालांकि तब तक हाई कोर्ट ने महाधिवक्ता से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि शाहजहां शेख को अगली सुनवाई तक अपनी शक्तियों का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाए।
Bar and Bench की रिपोर्ट के मुताबिक, हाई कोर्ट शाहजहां शेख और उनके सहयोगियों द्वारा संदेशखाली में भूमि हड़पने और महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोपों से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रही थी। सुननाई के दौरान महाधिवक्ता की इस दलील पर कि शेख को प्रधानी पद से हटाने के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया का प्रयोग करना होगा, जवाब पर नाराज मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने शेख के वकील से कहा, “मिस्टर बनर्जी, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपका मुवक्किल कम से कम अगली तारीख तक अपनी किसी भी शक्ति का प्रयोग न करे।”
गौरतलब है कि संदेशखाली के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) और ब्लॉक विकास अधिकारी (बीडीओ) ने शाहजहां शेख और उसके सहयोगियों द्वारा हड़पी गई जमीन को उसके असली मालिकों को लौटाना शुरू कर दिया है। अदालत ने प्रशासन से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि जमीनें उनकी मूल स्थिति में बहाल होने के बाद ही वापस की जाएं।बताते चलें कि संदेशखाली प्रकरण पर तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शाहजहां शेख को निशाना बनाते हुए व्यापक प्रदर्शन ममता सरकार की नींद उड़ी हुई है। संदेशखाली की महिलाओं ने शाहजहां शेख और उसके सहयोगियों पर यौन उत्पीड़न समेत कई संगीन आरोप लगाए हैं। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले भाजपा इस मुद्दे पर टीएमसी को घेर रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को संदेशखाली पर ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी पर जोरदार हमला बोला।