अमेठी व रायबरेली में कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा में हो रहे विलंब से तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। पिछले लोकसभा चुनाव तक इन दोनों सीटों पर अपनी दावेदारी के जरिए गांधी परिवार ने उत्तर प्रदेश से अपना रिश्ता बनाए रखा।अब चर्चा है कि गांधी परिवार यूपी छोड़ सकता है। राहुल गांधी को पहले ही केरल की वायनाड सीट से प्रत्याशी घोषित किया जा चुका है। हालांकि घोषणा में देरी को पार्टी की रणनीति भी जोड़कर देखा जा रहा है। दोनों ही लोकसभा क्षेत्रों के पार्टी कार्यकर्ता गांधी परिवार से ही प्रत्याशी बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। अमेठी से राहुल गांधी और रायबरेली से प्रियंका गांधी को प्रत्याशी बनाए जाने के प्रस्ताव भी हाईकमान को भेजे गए हैं। हालांकि अभी तक इस पर संगठन से लेकर गांधी परिवार तक के चुप्पी साध रखी है। राजस्थान से राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद सोनिया गांधी ने रायबरेली सीट से इस्तीफा दे दिया था।
अंतिम समय में तय होगा प्रत्याशी
वैसे कांग्रेस के सूत्रों का दावा है कि खास रणनीति के तहत अमेठी व रायबरेली से प्रत्याशी की घोषणा नहीं की जा रही है। इन दोनों सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी सीधे नामांकन करेंगे। पार्टी नहीं चाहती कि उसके दोनों स्टार प्रचारकों को इन दोनों सीटों पर चुनाव प्रचार में ही अपना ज्यादा समय देना पड़े, क्योंकि इन दोनों सीटों पर चुनाव पांचवें अभी चरण में है। अभी से प्रत्याशी घोषित कर दिए जाने पर दोनों को यहां समय देना पड़ेगा। साथ ही भाजपा को भी उन्हें घेरने के लिए व्यूह रचना करने का समय मिल जाएगा। रायबरेली के कांग्रेस कार्यकर्ता यह मानकर चल रहे हैं कि अंतत: यहां से प्रियंका गांधी नामांकन करेंगी। इसी तरह वायनाड का चुनाव हो जाने के बाद राहुल गांधी भी पांचवें चरण में होने वाले अमेठी के चुनाव के बारे में आसानी से फैसला ले सकेंगे।
कांग्रेस अब तक 13 सीटों पर तय कर चुकी है प्रत्याशी
पी में सपा के साथ गठबंधन के बाद अपने कोटे में आई 17 में से 13 सीटों पर कांग्रेस अपने प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। अब केवल अमेठी, रायबरेली, प्रयागराज व मथुरा से प्रत्याशी की घोषणा का इंतजार है। प्रयागराज व मथुरा से प्रत्याशी का नाम तय कर लिया गया है, जिसकी घोषणा कभी भी हो सकती है। इसमें प्रयागराज से पूर्व मंत्री कुंवर उज्जवल रमण सिंह को उम्मीदवार बनाया जाएगा, जबकि मथुरा से सादाबाद के पूर्व विधायक अनिल चौधरी को प्रत्याशी बनाए जाने की संभावना है। मामला केवल अमेठी व रायबरेली को लेकर फंसा है।