गांधीनगर : फिल्म अभिनेता राकेश पांडे के द्वारा विश्व महिला दिवस पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन इन्फो सिटी क्लब रिसार्ट मे किया गया। बैनर तले प्रोग्रेसिव फाउंडेशन ऑफ़ ह्यूमन राइट्स के द्वारा आयोजित इस राष्ट्रीय मे पूरे भारतवर्ष से तमाम फिल्मी राजनीतिक एवं सामाजिक हस्तियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ भारतीय जनता पार्टी के सदस्य एवं राज्यसभा सांसद राजू भाई परमार ,फिल्म अभिनेता श्री राकेश पांडेय और मुकेश भाई पांडे निर्माता निर्देशक एवं अध्यक्ष ह्यूमन राइट वायलेशन कंट्रोल सेल रहे। कार्यक्रम मे स्वामी डॉ कर्णव जोशी के साथ-साथ गुजरात एवं भारतवर्ष से आए तमाम अध्यक्ष एवं कार्यकर्ताओं ने भाग लिया । इस कार्यक्रम में विभिन्न वक्ताओं के द्वारा महिलाओं को शिक्षा स्वास्थ्य चिकित्सा सुरक्षा रोजगार इत्यादि क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा आगे बढ़ने पर जोर दिया गया। फिल्म अभिनेता राकेश पांडे जो संस्था के अध्यक्ष हैं उनके द्वारा लगातार 15 वर्षों से इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा है। साथ ही खास तौर पर हर वर्ष 8 मार्च को विश्व महिला दिवस पर अलग-अलग राज्यों में सेमिनार का आयोजन किया जाता है सेमिनार के माध्यम से लगातार महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ाने का प्रयास किया जाता है।
इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य अतिथि राजू भाई परमार ने सबको अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दी और संबोधित करते हुए कहा कि यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः अर्थात जहां नारी की पूजा होती है वहीं देवता निवास करते हैं। भारतीय महिलाओं की ताकत, साहस और लचीलेपन और विभिन्न क्षेत्रों में उनकी उपलब्धियों को सलाम उन्होने कहा कि आज नारी अपने साहस के बल पर पूरे आत्म विश्वास के साथ हर क्षेत्र में कामयाबी का परचम लहरा रही है। श्री परमार ने कहा की पहले की सरकारों ने एक दो योजनाएं शुरू करने को ही महिला सशक्तिकरण का नाम दे दिया था। पर मोदी जी ने इस राजनीतिक सोच को ही बदल दिया। 2014 में सरकार में आने के बाद मैंने आप महिलाओं के जीवन चक्र के हर पड़ाव के लिए योजनाएं बनाईं, उन्हें सफलतापूर्वक लागू किया। आज पहली सांस से लेकर आखिरी सांस तक मोदी जी कोई ना कोई योजना लेकर के भारत की बहन-बेटियों की सेवा में हाजिर हो जाते है। गर्भ में बेटी की हत्या ना हो, इसके लिए हमने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान शुरू किया। गर्भ की अवस्था में मां को सही पोषण मिले, इसके लिए हर गर्भवती को 6 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी। जन्म के बाद बेटी को पढ़ाई में मुश्किल ना हो, इसके लिए ज्यादा से ज्यादा, ज्यादा ब्याज देने वाली सुकन्या समृद्धि योजना शुरू की। बड़ी होकर बेटी काम करना चाहे तो आज उसके पास मुद्रा योजना का इतना बड़ा साधन है। बेटी के करियर पर प्रभाव ना पड़े, इसके लिए हमने प्रेगनेंसी लीव को भी बढ़ाकर 26 हफ्ते कर दिया। 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज देने वाली आयुष्मान योजना हो, 80 परसेंट डिस्काउंट पर सस्ती दवा देने वाले जन औषधि केंद्र हों, इन सबका सबसे ज्यादा लाभ आप माताओं-बहनों-बेटियों को मिल रहा है । इस आयोजन मे बोलते हुए फिल्म अभिनेता राकेश पांडे ने कहा की महिला दिवस मनाने का चलन 1910 से शुरु हुआ। क्लारा जेटकिन नाम की एक महिला ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बुनियाद रखी थी। इस दिन की शुरूआत 1908 में तब हुई, जब अमेरिका के न्यूयार्क शहर में पंद्रह हज़ार महिलाओं ने परेड निकाली थी। महिलाओं का परेड निकालने का मकसद था कि उनके काम के घंटे कम हो,उनको अच्छा मेहनताना मिले और उन्हें वोट डालने का भी अधिकार मिले।अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को औपचारिक मान्यता सन 1975 में मिली। जब संयुक्त राष्ट्र ने महिला दिवस का जश्न मनाना शुरू कर दिया तब इस दिन को औपचारिक रूप से मान्यता मिली। महिला सशक्तीकरण, भौतिक या आध्यात्मिक, शारिरिक या मानसिक, सभी स्तर पर महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा कर उन्हें सशक्त बनाने की प्रक्रिया है।महिला सशक्तिकरण का यह कार्य काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत की सामाजिक-आर्थिक प्रगति उसके महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक प्रगति पर ही निर्भर करती है। महिला सशक्तिकरण महिलाओं को वह मजबूती प्रदान करता है, जो उन्हें उनके हक के लिए लड़ने में मदद करता है।इस अवसर पर बोलते हुए मुकेश भाई पांडे निर्माता निर्देशक एवं अध्यक्ष ह्यूमन राइट वायलेशन कंट्रोल सेल ने कहा की आज की महिलाएं सिर्फ घर नहीं चलाती बल्कि देश और दुनिया की तरक्की में भी अपना लोहा मनवा रही हैं। महिलाओं ने अपनी प्रतिभा, कौशल और जज्बे के दम पर अपना लोहा मनवाया है। महिलाओं के हौसले को बढ़ाने के लिए, उनके देश और दुनिया की तरक्की में योगदान करने के लिए और उनकी सराहना करने के लिए ही महिला दिवस मनाया जाता है। हर साल 8 मार्च का दिन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। ये दिन महिलाओं की उपलब्धियों को समर्पित है। महिलाओं को मान-सम्मान और उनका अधिकार देने के लिए ही महिला दिवस मनाया जाता है।
कार्यक्रम मे प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा द्वारा चलाई गई योजना को आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया ज्ञात हो की इस योजना से सरकार सरकार कन्या शिशु के प्रति समाज के नजरिए में परिवर्तनकारी बदलाव लाने का प्रयास कर रही है।इस योजना शुरूआत प्रधान मंत्री ने 22 जनवरी 2015 को पानीपत, हरियाणा में की थी। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना से पूरे जीवन-काल में शिशु लिंग अनुपात में कमी को रोकने में मदद मिलती है और महिलाओं के सशक्तीकरण से जुड़े मुद्दों का समाधान होता है। इसी कर्यक्रम मे महिला सशक्तिकरण पर अनेक वक्ताओं ने अपने विचार रखें तथा इस अवसर पर तमाम क्षेत्रों की प्रतिष्ठित महिलाओं को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया गया। इस कर्यक्रम मे श्री अनुपम सिंह गहलोत बडौदा पुलिस कमिश्नर श्री टी यस माली आईपीएस रिटायर्ड डीजीपी सीआईडी रेलवे एंड क्राइम ,श्री जितेंद्र सिंह रिटायर्ड सिविल एंड सेशन जज एंड एडवाइजर प्रोग्रेसिव फाउंडेशन ऑफ़ ह्यूमन राइट्स श्री मुकेश पांडे फिल्म निर्माता निर्देशक और प्रोग्रेसिव फाउंडेशन ऑफ़ ह्यूमन राइट्स केअध्यक्ष ,श्रीमती दिव्या पटेल प्रोड्यूसर मल्टी आर्ट ,श्रीमती रूपा परेश गज्जर प्रिंसिपल आदर्श इंग्लिश मीडियम स्कूल शामिल रहे। इसके अलावा श्री दीपक पांडे वाइस प्रेसिडेंट, श्री मुकेश श्रीमाली गुजरात प्रेसिडेंट श्री मोनिका सोडा ,लक्ष्मी थप्पडीवाल श्री मुकेश कपाड़िया श्री जगदीश पांडे अंकित गोहिल जोंटी लिम्बचिया आदि शामिल रहे।