राजस्थान में चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के एक परिवार के सामने जो भी बोला वो मरा समझो। पीएम मोदी ने राजेश पायलट का जिक्र कर कहा कि कांग्रेस राजेश पायलट से साथ उनके बेटे सचिन पायलट को भी सजा देने में लगी है।कांग्रेस राजेश पायलट की खुन्नस बेटे से निकाल रही है। उदयपुर के कोटड़ी में आयोजित जनसभा में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह भाजपा के कार्यकाल में तीर्थों का कायाकल्प हुआ, उसी तरह मानगढ़ और बेणेश्वर धाम का विकास होगा। कांग्रेस की सरकार नीचा दिखान में कभी कसर नही छोड़ती। उन्होंने सरदार पटेल, बाबा साहेब का भी अपमान किया. भाजपा ने गुजरात के एकता नगर के केवड़िया में सरदार पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित करवाई, लेकिन कांग्रेस का एक भी नेता स्टैच्यू ऑफ यूनिटी नहीं गया। कांग्रेस से सावधान रहना है, क्योंकि कांग्रेस न दलितों की है, न पिछड़ों की, न आदिवासियों की, न ही गरीबों की। ये पार्टी बस एक परिवार की गुलाम होकर रह गई है।
गहलोत पर साधा निशाना
कोटडी में सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने फिर दोहराया की कभी गहलोत की सरकार नहीं बनेगी। पीएम मोदी ने कहा कि बीजेपी की सरकार बनने पर पेपर माफियाओं को जेल में डाला जाएगा। आज कांग्रेस नेताओं के लाॅकरों से सोना निकल रहा है। कांग्रेस सरकार की करतूतों के पन्ने लाल डायरी में खुल रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस राज में हर भर्ती में घोटाला हुआ। इस बार कांग्रेस का सूपड़ा साफ करने का समय आ गया है। राजस्थान में विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए कांग्रेस सरकार की विदाई करना जरूरी है। जब तक यहां कांग्रेस रहेगी मेरे द्वारा भेजा गया पैसा लोगों तक नहीं पहुंचेगा। इसलिए कांग्रेस का खात्मा करना जरूरी है।
राजेश पायलट की 1997 वाली बगावत
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1997 में सचिन पायलट के पिता स्वर्गीय राजेश पायलट ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए ताल ठोक दी थी। हालांकि इस चुनाव में पायलट को हार का सामना करना पड़ा और गांधी परिवार के करीबी उनके प्रतिद्वंदी सीताराम केसरी ने जीत दर्ज की थी। दूसरा मौका साल 2000 में सामने आया। उस वक्त भी कांग्रेस से बगावत कर जितेंद्र प्रसाद ने सोनिया गांधी के खिलाफ अध्यक्ष पद के लिए दावा ठोक दिया था। इस चुनाव में भी राजेश पायलट ने गांधी परिवार का साथ नहीं दिया। वे जितेंद्र प्रसाद के साथ खड़े नजर आए थे। हालांकि इस बार भी पायलट खेमे को हार का सामना करना पड़ा। जितेंद्र प्रसाद को हराकर सोनिया गांधी अध्यक्ष बनीं।
राजेश पायलट की सियासत में एंट्री गांधी परिवार के जरिए
राजस्थान में 2020 में कांग्रेस ने बगावती तेवर अख्तियार करने वाले सचिन पायलट को डिप्टी सीएम पद के साथ-साथ प्रदेश अध्यक्ष के पद से भी हटा दिया था। सचिन पायलट की ही तरह उनके पिता राजेश पायलट भी कांग्रेस में रहते हुए बगावत कर चुके हैं। हालांकि उन्होंने आखिरी दम तक पार्टी नहीं छोड़ी थी। वायु सेना में स्क्वाड्रन लीडर रहे राजेश पायलट की सियासत में एंट्री गांधी परिवार के जरिए ही हुई थी, लेकिन जब मौका आया तो उन्होंने गांधी परिवार को ही चुनौती दे दी थी।