68वां जन्मदिन मना रहीं बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती लंबी पारी खेलने के मूड में हैं। सोमवार को मीडिया को संबोधित करनते हुए उन्होंने रिटायरमेंट की योजना से इनकार कर दिया है।खास बात है कि बीते साल दिसंबर में ही उन्होंने भतीजे आकाश आनंद को उत्तराधिकारी बनाने का ऐलान किया था। अब मायावती के ताजा ऐलान से साफ हो गया है कि आनंद को लंबा इंतजार करना पड़ेगा।
रिटायरमेंट की बात को नकारा
मायावती ने कहा, ‘पिछले महीने पार्टी की ऑल इंडिया की बैठक में आम सहमति से मैंने आकाश आनंद को अपना एकमात्र उत्तराधिकारी घोषित किया था। तो उसके बाद से बीच बीच में फर्जी खबरें प्रचारित की जा रही हैं कि ऐसा लगता है कि बीएसपी प्रमुख जल्द ही राजनीति से संन्यास लेने वाली हैं, जिसमें बिल्कुल सच्चाई नहीं है। जबकि मेरी जिंदगी का आखिरी सांस भी पार्टी को मजबूत बनाने में लगा रहेगा।’
उन्होंने कहा, ‘इस किस्म की फर्जी और गलत खबरों को पार्टी के लोगों को गुमराह नहीं होना है।’ उन्होंने साफ कर दिया है कि 2024 लोकसभा चुनाव में बसपा अकेले ही मैदान में उतरने जा रही है।
कौन हैं आकाश आनंद
आकाश मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के छोटे बेटे हैं। वह राजस्थान, मध्यप्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में पार्टी के प्रचार में जुटे हुए थे। साथ ही वह रणनीति बनाने वाली टीम का हिस्सा भी रहे थे। बीते साल जून में ही बसपा प्रमुख ने उन्हें और राज्यसभा सांसद रामजी गौतम को एमपी, राजस्थान और तेलंगाना का केंद्रीय समन्वयक बनाया था।
आकाश के आने से नाराजगी?
खास बात है कि 22 साल पहले कांशीराम यानी बसपा के संस्थापक ने मायावती को उत्तराधिकारी घोषित किया था। हालांकि, अब यह भी कहा जाने लगा था कि आनंद को पद देने की बात पार्टी में कांशीराम के समर्थकों को पच नहीं रही थी। कुछ नेताओं ने तो इस घोषणा को पुरानी बात से यूटर्न तक करार दे दिया था। करीब 15 साल पहले मायावती का कहना था, ‘मेरा उत्तराधिकारी मेरा भाई-बहन या रिश्तेदार नहीं होगा।’
साल 2021 में अगस्त में भी उन्होंने कहा था कि वह स्वस्थ हैं और उन्हें उत्तराधिकारी तैनात करने की कोई जरूरत नहीं है। साल 2001 में लखनऊ में रैली के दौरान जब कांशीराम ने मायावती को उत्तराधिकारी घोषित किया था, तब उनकी उम्र 45 वर्ष थी। वहीं, आकाश की उम्र उत्तराधिकारी बनने के दौरान 33 है।