ज्ञानवापी के बाद अब मध्य प्रदेश में स्थित भोजशाला का सर्वे किया जाएगा। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने इस सर्वे को लेकर अहम आदेश दिया है। अदालत के आदेश के बाद धार स्थित इस भोजशाला का सर्वे ASI (Archaeological Survey of India) करेगी।22 मार्च से यह सर्वे शुरू होगा। भोजशाला ASI द्वारा संरक्षित 11वीं सदी का स्मारक है। भोजशाला को लेकर हिंदुओं का दावा रहा है कि यह माता सरस्वती का मंदिर है। वहीं मुस्लिम समुदाय इसे कमल मौला मस्जिद मानता है।भोजशाला के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने हाई कोर्ट में आवेदन दिया था। जिसके बाद हाई कोर्ट ने ASI को वैज्ञानिक सर्वेक्षण का आदेश दिया है। अब ASI ने इस सर्वे के लिए इंदौर डिवीजन के कमिश्नर से सुरक्षित एक्सेस देने की मांग की है। विभाग ने इस सर्वे के दौरान पर्याप्त सुरक्षा बलों की तैनाती की मांग भी की है ताकि किसी तरह का खलल इस सर्वे में ना पड़े।भोजशाला में सर्वे कराने की मांग को लेकर जो याचिका दायर की गई थी उस याचिका में भोजशाला के अंदर नमाज पढ़ने पर रोक लगाने और हिंदुओं को पूजा-पाठ करने की अनुमति दिए जाने की मांग की गई थी। हिंदू संगठनों का दावा रहा है कि सन 1034 में राजा भोज ने संस्कृत विषय की पढ़ाई के लिए इसे बनवाया था। लेकिन बाद में मुगल आक्रमणकारियों ने इसे तोड़ दिया था।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने भोजशाला परिसर में कार्बन डेटिंग विधि से वैज्ञानिक जांच कराने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा है कि जमीन के नीचे औऱ ऊपर यह सरंचना कितनी पुरानी है, इसकी उम्र का भी पता लगाया जाए। अदालत ने कहा है कि ASI सर्वे की यह कार्रवाई दोनों पक्षों के 2 प्रतिनिधियों की उपस्थिति में की जाए और इसकी वीडियोग्राफी भी होनी चाहिए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत में इस मामले की अगली सुनवाई अब 29 अप्रैल को होगी। एएसआई ने अदालत से 29 अप्रैल से पहले रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।