अमेरिका से नहीं डरते, हिजबुल्लाह चीफ की खुली धमकी; अभी और भड़केगा इजरायल-हमास युद्ध

जरायल पर हुए सात अक्टूबर को हुए हमलों को लेकर हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्ला ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। नसरल्ला ने कहा है कि हमास ने ही इस हमले को अंजाम दिया है। उसने कहा कि यह सौ फीसदी फिलिस्तीनी फैसला था और खुफिया तरीके से अंजाम दिया गया था।नसरल्ला के मुताबिक यह हमला एक तरह से सरप्राइज था। हमास और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध के बाद से यह पहली बार है जब हिजबुल्लाह चीफ ने कोई बयान दिया है। इसके साथ ही उसने इजरायल-हमास युद्ध के और भड़कने की चेतावनी देते हुए अमेरिका से न डरने की बात कही है।

हम डरेंगे नहीं
लेबनान के उग्रवादी समूह हिजबुल्ला के नेता ने कहा कि उसकी मिलिशिया इजराइल-हमास युद्ध से दूर रहने की अमेरिका की चेतावनियों से डरने वाली नहीं है। टेलीविजन पर प्रसारित भाषण में हसन नसरल्ला ने क्षेत्र में अमेरिका की सैन्य तैनाती का जिक्र करते हुए कहा कि भूमध्य सागर में आपके बेड़े… हमें नहीं डरा सकेंगे। हिजबुल्ला सभी विकल्पों के लिए तैयार है। नसरल्ला ने कहा कि उसकी ताकतवर मिलिशिया सीमा पर इजराइल के साथ अभूतपूर्ण लड़ाई में जुटी हुई है। उसने क्षेत्र में संघर्ष और तेज होने की धमकी भी दी। भाषण में नसरल्ला ने यह घोषणा नहीं की कि हिजबुल्ला पूरी तरह से इजराइल-हमास युद्ध में शामिल हो रहा है। उसने धमकी दी कि लेबनान-इजराइल सीमा पर लड़ाई अब तक देखे गए स्तर तक सीमित नहीं रहेगी।

लेबनान में मनाई गई खुशी
हिजबुल्लाह चीफ ने कहा कि हमास का फैसला पूरी तरह सही, बुद्धिमानी और हौसले से भरा हुआ था। यह फैसला बिल्कुल सही वक्त पर आया है। जिस वक्त नसरल्ला का भाषण टीवी पर दिखाया जा रहा था, उस दौरान लेबनान की राजधानी बेरुत में चौराहे पर भीड़ जुटी थी। वहां मौजूद लोग खुशी में गोलियां चला रहे थे। यह भाषण युद्ध शुरू होने के बाद से सीमा पर हिजबुल्ला और इजरायली बलों के बीच झड़प बढ़ने के एक दिन बाद आया है। इसी दिन शीर्ष अमेरिकी राजनयिक इजरायल की यात्रा पर थे। अमेरिकी रक्षा सचिव एंटनी ब्लिंकेन ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की थी। उन्होंने इजरायल के प्रधानमंत्री से गुहार लगाई है हमास के साथ युद्ध में आम लोगों की रक्षा की जाए।

संगठन की भूमिका से इनकार
अपने लंबे भाषण में नसरल्ला ने हमास के हमले की तारीफ की। इस हमले की योजना फिलिस्तीन में बनाई गई थी और वहीं से इसे अंजाम दिया गया। हालांकि उसने यह भी कहा कि उसके आतंकी संगठन की कोई भूमिका नहीं है। नसरल्ला के भाषण को पूरे क्षेत्र में इस संकेत के रूप में लिया जा रहा था कि क्या इजरायल-हमास संघर्ष एक क्षेत्रीय संघर्ष में बदल जाएगा। युद्ध की शुरुआत के बाद से, हमास के सहयोगी हिजबुल्लाह ने लेबनान के साथ अपनी सीमा पर इजरायल की सेना को उलझाने के लिए कई कदम उठाए थे। हालांकि यह युद्ध भड़कने की सीमा तक नहीं पहुंचा था।

इजरायल मानता है खतरा
इजरायली सेना ने कहा कि शुक्रवार तक उत्तरी सीमा पर उनके सात सैनिक और एक नागरिक की मौत हो गई थी। हिजबुल्लाह के 50 से अधिक लड़ाके और उससे जुड़े समूहों के 10 आतंकियों के साथ रॉयटर्स के पत्रकार सहित 10 नागरिक लेबनान में मारे गए हैं। इजरायल ईरान समर्थित लेबनानी शिया आतंकवादी समूह को अपना सबसे गंभीर खतरा मानता है। अनुमान है कि हिजबुल्लाह के पास इजरायल को टारगेट करने वाली करीब 150,000 रॉकेट और मिसाइलें हैं। साथ ही ड्रोन और सतह से हवा और सतह से समुद्र में मार करने वाली मिसाइलें हैं। हालांकि हिजबुल्लाह के लिए पूर्ण युद्ध भी महंगा पड़ेगा। उसने 2006 में इजरायल के साथ 34 दिन तक लड़ाई चली थी, जो बिना फैसले के खत्म हुई थी।

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