बांदा जेल में हुई मुख्तार अंसारी की मौत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है। शुक्रवार देर शाम आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मुख्तार की मौत हार्ट अटैक से होना पाया गया है। जबकि मुख्तार के परिजन लगातार धीमा जहर देकर मारने का आरोप लगा रहे हैं।
फिलहाल डॉक्टरों ने विसरा सुरक्षित रख लिया है। रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के एक पैनल ने मुख्तार अंसारी के शव का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किसी भी संदिग्ध जहर से इनकार किया गया है और मौत का कारण दिल का दौरा बताया गया है। पोस्टमार्टम के दौरान, अंसारी का परिवार शव परीक्षण कक्ष के अंदर रहा और पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई। अधिकारियों ने कहा कि डॉक्टरों के पैनल ने विसरा संरक्षित कर लिया है, जिसे फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा ताकि यह पता लगाया जा सके कि कोई जहर था या नहीं।
ईएनटी विशेषज्ञ मुकेश कुमार, महेश गुप्ता, वरिष्ठ चिकित्सक एसडी त्रिपाठी, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. विकासदीप बिलाटिया ने एक घंटे तक पोस्टमार्टम किया। प्रक्रिया दोपहर 2 बजे शुरू हुई। शव परीक्षण के निष्कर्षों ने अंसारी के परिवार के इस आरोप को खारिज कर दिया कि मुख्तार को जेल में जहर दिया गया था। वहीं दूसरी ओर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (बांदा) भगवान दास गुप्ता ने शुक्रवार को गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार की मौत की न्यायिक जांच के आदेश दिए।
बांदा पहुंचा छोटा बेटा उमर बोला- हमें इन पर भरोसा नहीं
मुख्तार की मौत गुरुवार रात 8:25 पर हुई। रात में ही पोस्टमार्टम भी होना था। बेटे उमर की शर्तें सामने आईं तो रात में पोस्टमार्टम का फैसला रोक दिया गया, 18 घंटे बाद पोस्टमार्टम हो सका। उसके पौने तीन घंटा बाद शव गाजीपुर रवाना किया गया। मुख्तार की मौत का बुलेटिन मेडिकल कॉलेज की ओर से रात 9:37 बजे जारी हुआ। मुख्तार के परिवार के गाजीपुर से आने की जानकारी मिली तो कमिश्नर, डीआईजी, डीएम और एसपी ने दो घंटे लंबी बैठक की। फैसला हुआ कि परिवार के आते ही पंचनामा के बाद रात में पोस्टमार्टम होगा। शुक्रवार सुबह शव भेज दिया जाएगा। देर रात सबसे छोटा बेटा उमर अपने चचेरे भाइयों और अधिवक्ता के साथ पहुंचा। मॉर्चुरी में रखा पिता का शव देखने के बाद बाहर निकला। उमर ने आरोप लगाया कि पिता की जहर देकर हत्या की गई है। मौत की न्यायिक जांच हो। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे। देर रात तक बैठक में मौजूद अफसरों ने शुक्रवार को दिन में पोस्टमार्टम कराने का निर्णय किया।
पंचनामा के पांच घंटे बाद पोस्टमार्टम
शुक्रवार सुबह 8:30 बजे उमर अंसारी चचेरे भाई इब्राहिम अंसारी, उस्मान अंसारी, वकील चंद्रभान यादव और वसीम हैदर के साथ पहुंचा। कुछ ही देर में उमर की भाभी निखत अंसारी अपने बच्चे और भाभी के साथ पहुंची। नौ बजे तक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पंचनामा भर दिया गया लेकिन पोस्टमार्टम दोपहर दो बजे शुरू हो सका। पांच डॉक्टरों के पैनल ने करीब एक घंटे में वीडियोग्राफी के साथ पोस्टमार्टम पूरा किया। पोस्टमार्टम के बाद आपत्तियों के निस्तारण में पौने तीन घंटे लगे। एएसपी लक्ष्मी निवास मिश्र के मुताबिक पोस्टमार्टम तीन बजे तक हो गया लेकिन मुख्तार के परिवार ने पोस्टमार्टम पर सवाल उठाए। उनकी आपत्तियों के निस्तारण में करीब पौने तीन घंटा का समय लगा, जिसके बाद शव को उनके सुपुर्द कर दिया गया।
पोस्टमार्टम एम्स के डॉक्टरों से कराने की मांग
पोस्टमार्टम के दौरान उमर ने डीएम को संबोधित पत्र लिखा, जिसमें सात सूत्रीय मांगें थीं। सबसे प्रमुख मांग पिता के शव का पोस्टमार्टम एम्स के डॉक्टरों से कराए जाने की थी। मेडिकल कॉलेज में भर्ती रहने के दौरान पिता को न देखने देने, स्वतंत्र रूप से डॉक्टरों से इलाज न कराए जाने आदि का आरोप लगाया गया। एडीएम वित्त एवं राजस्व ने बताया कि उमर का पत्र रिसीव नहीं हुआ। हालांकि यह पत्र शुक्रवार को सोशल मीडिया पर वायरल होता रहा।