मुख्तार अंसारी के बेटे और विधायक अब्बास अंसारी को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने अब्बास को पिता मुख्तार की कब्र पर फातिहा पढ़ने की इजाजत दे दी है। अब्बास उत्तर प्रदेश की जेल में बंद हैं और पिता मुख्तार की मौत के बाद भी वह बाहर नहीं आ सका था।गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की 28 मार्च को बांदा में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी।सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि अब्बास अंसारी को पर्याप्त सुरक्षा के साथ पुलिस हिरासत में कासगंज जेल से उनके गृहनगर गाजीपुर ले जाया जाए। इसके बाद फातिहा पढ़ने समेत अन्य अनुष्ठानों में शामिल हो सकेगा। फिर 13 अप्रैल को अब्बास अंसारी को वापस कासगंज जेल लाए जाने का आदेश दिया गया है। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने विशेष रूप से कहा है कि फातिहा कल के लिए निर्धारित है। हमें उसे अनुष्ठान में शामिल होने से इनकार करने का कोई कारण नहीं दिखता है।आदेश सुनाते हुए न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि याचिकाकर्ता को पुलिस हिरासत में और पर्याप्त सुरक्षा उपायों के साथ कासगंज जेल से उसके गृहनगर ले जाया जाएगा। अदालत ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता आज शाम 5 बजे से पहले अपनी यात्रा शुरू कर दे। अदालत ने आगे कहा, ”भले ही 10 तारीख (अप्रैल) के बाद कोई अनुष्ठान न हो, याचिकाकर्ता को 11 और 12 तारीख को अपने परिवार से मिलने की अनुमति दी जाए।”इससे पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से अब्बास अंसारी की याचिका पर जवाब मांगा था। अब्बास ने 10 अप्रैल को अपने पिता मुख्तार अंसारी की फातिहा में शामिल होने की अनुमति मांगी थी। शुक्रवार को अब्बास के वकील ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की बेंच को बताया था कि उनकी याचिका समय पर अदालत के समक्ष सूचीबद्ध नहीं हो सकी और अंतिम संस्कार हो चुका है। वकील ने कहा कि उन्हें याचिका में संशोधन करने और 10 अप्रैल को होने वाली फातिहा में शामिल होने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि वह खुद ही आज संशोधित याचिका दायर करेंगे। बेंच ने कहा था कि याचिकाकर्ता के वकील ने शुरू में कहा कि चूंकि अंतिम संस्कार पहले ही हो चुका है, याचिकाकर्ता रिट याचिका में संशोधन करना चाहता है ताकि वह 10 अप्रैल को होने वाली फातिहा में शामिल हो सके। नोटिस जारी करें, और नौ अप्रैल तक इसपर जवाब मांगें।”