बीजेपी को चाहिए नीतीश कुमार का खास विभाग, कहां अटक रहा बिहार कैबिनेट का विस्तार?

बिहार में एनडीए की सरकार बने पांच दिन हो गए हैं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत 8 अन्य मंत्री ने शपथ ले चुके हैं, मगर कैबिनेट विस्तार और विभागों का बंटवारा अभी तक नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि बीजेपी और जेडीयू में विभागों के बंटवारे को लेकर अभी बातचीत चल रही है।इसी कारण कैबिनेट विस्तार में भी देरी हो रही है। बीजेपी की नजर सीएम नीतीश कुमार के खास विभाग पर है, जो जेडीयू के पास बीते दो दशकों से है। कहा जा रहा है कि 12 फरवरी से शुरू हो रहे बिहार विधानसभा के बजट सत्र से पहले विभागों का बंटवारा कर लिया जाएगा।नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी के बाद बीजेपी नई सरकार में अपना दबदबा बनाना चाहती है। इसलिए नीतीश के खिलाफ बीते डेढ़ साल मुखर रहे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा को डिप्टी सीएम बनाया गया। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी और जेडीयू में गृह विभाग को लेकर खींचतान चल रही है। बीजेपी चाहती है कि इस बार गृह मंत्री उसके कोटे से बनाया जाए। ताकि राज्य में कानून व्यवस्था की लगाम सीधे उसके हाथ में आ सके। बता दें कि नीतीश कुमार जब से सत्ता में हैं, उन्होंने यह विभाग उन्होंने अपने पास ही रखा है।एनडीए के सूत्रों ने बताया है कि नीतीश सरकार में विभागों का बंटवारा अगले हफ्ते तक कर दिया जाएगा। 12 फरवरी को बजट सत्र शुरू होने वाला है। सत्र के पहले दिन ही सदन में एनडीए सरकार बहुमत पेश करेगी।वहीं, बीजेपी के नेता सार्वजनिक रूप से कैबिनेट विस्तार और विभागों के बंटवारे पर कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं। डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि ये दोनों मुद्दे मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। इन चीजों को बिना किसी विवाद के निपटा दिया जाएगा। उन्होंने एनडीए पर सवाल उठा रही आरजेडी को भी घेरा। सम्राट ने कहा कि 1995 में जब आरजेडी ने डेढ़ साल सरकार चलाई थी, तब केवल उसके 12 मंत्री ही थे।उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में सबकुछ सुचारू रूप से चल रहा है। कहीं कोई दिक्कत नहीं है। कैबिनेट में पहले से 9 सदस्य हैं, जिसमें मुख्यमंत्री और दो डिप्टी सीएम भी हैं।

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