फरीदकोट लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार हंस राज हंस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि कल प्रधानमंत्री की रैली में जाते वक्त उन पर जानलेवा हमला हुआ है। दर्शनकारियों ने उन पर तलवारों, पत्थरों से हमला किया और उनकी गाड़ी तोड़ दी।इस हमले में उनके गनमैन भी घायल हुए हैं। शुक्रवार को चुनाव प्रचार के दौरान हंसराज हंस यह खुलासा किया और भावुक होते हुए कहा कि अगर जिंदा रहा तो एक जून के बाद मिलेंगे।
अगर पुलिस फोर्स नहीं आती तो कुछ भी हो सकता था
हंसराज हंस ने मोगा के दौलतपुरा गांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कल प्रधानमंत्री मोदी की रैली में पहुंचते समय मुझ पर जानलेवा हमला हुआ। प्रदर्शनकारियों ने मुझ पर तलवारों, पत्थरों से हमला किया और कुछ लोगों ने मेरी गाड़ी तोड़ डाली। हमले में मेरे गनमैन घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने ही मुझे बचाकर लाने के आदेश दिए थे। अगर पुलिस फोर्स नहीं पहुंचती तो कुछ भी हो सकता था। प्रधानमंत्री मोदी ने 15 मिनट तक मेरा इंतजार किया। मुझे लगा कि टाइम आ गया और शहादत के बिना कौम नहीं जागती। हंस ने कहा कि वह नहीं चाहते गांवों में लोग झगड़े करें और वह नहीं चाहते कि लोगों को लड़वाकर वह सांसद बनें। उन्होंने कहा कि आपस में सभी लोग भाईचारा कायम रखो।
एक घंटे तक फंसे रहे प्रदर्शनकारियों के बीच
हंसराज हंस 23 मई को पटियाला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में हिस्सा लेने जा रहे थे। किसानों ने संगरूर रोड स्थित पसियाना चौकी के पास धरना लगाया हुआ था। इस दौरान जब हंसराज वहां से निकलने लगे तो किसानों ने उनकी गाड़ी को उन्हें घेर लिया। एसएसपी वरुण शर्मा, आइजी हरचरन सिंह भुल्लर मौके पर पहुंचे और करीब एक घंटे बाद हंस राज हंस की गाड़ी को वहां से निकाला। इस दौरान किसी ने डंडा मार हंस की गाड़ी का पिछला शीश तोड़ दिया। गनीमत रही कि गाड़ी में बैठे हंसराज हंस को कोई चोट नहीं आई।
हंसराज हंस खुद सोचें, किसान नाराज क्यों हैं: किसान नेता
वहीं, भाजपा प्रत्याशी हंसराज हंस के इस खुलासे पर किसान नेता सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि प्रदर्शनकारियों के पास हथियार नहीं, झंडे थे। हमने ही उनको वहां से निकलवाया। कुछ भी हो सकता था। इन्हें भी सोचना चाहिए की किसान इतने नाराज क्यों हैं।