झारखंड सरकार की बढ़ गई टेंशन, कांग्रेस के 12 नाराज विधायक जा रहे दिल्ली; आलाकमान से क्यों मुलाकात

झारखंड के चंपाई सोरेन सरकार की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। कैबिनेट विस्तार के बाद गठबंधन में फूट पड़ती दिख रही है। कांग्रेस के 12 विधायकों के साथ-साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के एक विधायक ने भी खुलकर नाराजगी जाहिर की है।ऐसे में अब कांग्रेस के सभी नाराज विधायक दिल्ली जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, उनकी आज शाम 5 बजे की फ्लाइट से दिल्ली जाने की तैयारी है। वहां वे कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात करेंगे।

दिल्ली में आलाकमान से मुलाकात
दरअसल, शुक्रवार को झारखंड में मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। कांग्रेस के चार विधायकों को चंपाई कैबिनेट में मंत्री बनाया गया है। नाराज विधायकों का कहना है कि नए चेहरों को अब मौका दिया जाए। गठबंधन वाली सरकार के फैसले से नाखुश ये विधायक दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात करेंगे।

विधायकों की शाम 5 बजे की फ्लाइट से दिल्ली जाने की तैयारी है। यह भी बताया जा रहा है कि ये सभी विधायक जयपुर में कैंप भी कर सकते हैं। साथ ही 23 फरवरी से होने वाले झारखंड विधानसभा के बजट सत्र से ये दूरी भी बना सकते हैं।

क्या झारखंड कांग्रेस में फूट?
चंपाई सोरेन की कैबिनेट में कांग्रेस के आलमगीर आलम, बादल पत्रलेखा, रामेश्वर उरांव और बन्ना गुप्ता को मंत्री बनाया गया है। ये चारों विधायक हेमंत सोरेन की कैबिनेट में भी मंत्री थे। नाराज विधायकों का कहना है कि जिन्हें दोबारा मंत्री बनाया गया है उनसे आम लोग खुश नहीं हैं। 12 विधायकों को नए चेहरों को मंत्री बनाने की मांग की है। इसकी शिकायत प्रदेश नेतृत्व से लेकर पार्टी आलाकमान तक से की गई।

यह भी बताया जा रहा है कि सहमति न बन पाने के चलते ही कैबिनेट विस्तार में लेट हुआ। लेकिन अब मंत्री पद के शपथ समारोह के ठीक अगले दिन कांग्रेस के विधायकों के दिल्ली जाने की बात सामने आई है। ऐसे में चंपाई सोरेन सरकार के सामने अब एक नई मुश्किल खड़ी हो गई है।

JMM विधायक ने दे डाली धमकी
कैबिनेट विस्तार के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक वैद्यनाथ राम ने तो गठबंधन वाली सरकार को धमकी तक दे डाली। उन्होंने कहा कि अगर दो दिन के अंदर उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया तो वह पार्टी छोड़ देंगे। ऐसे में दर्जनभर से ज्यादा विधायक अब चंपाई सोरेन सरकार के फैसले से नाराज हैं।

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