इंडिया गठबंधन के पास अब क्या बचा है?

फारूक अब्दुल्ला, मल्लिकार्जुन खड़गे और अरविंद केजरीवालफारूक अब्दुल्ला, मल्लिकार्जुन खड़गे और अरविंद केजरीवाल यूपी और बिहार से लेकर पश्चिम बंगाल तक गठबंधनों का गणित बदल गया है। पहले ममता बनर्जी, फिर विपक्षी एकजुटता की कवायद के अगुवा नीतीश कुमार और जयंत चौधरी एक-एक करके इंडिया गठबंधन से किनारा कर चुके है। अब नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ ही दिल्ली और पंजाब की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी भी इंडिया गठबंधन को तेवर दिखा रहे है। ऐसे में अब सवाल ये भी उठ रहे हैं कि एक-एक करके नेता और राजनीतिक दल किनारा करते जा रहे है। भारतीय जनता पार्टी और उसके नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधनके उम्मीदवारों के खिलाफ एक सीट से एक उम्मीदवार उतारने की मंशा के साथ विपक्षी एकजुटता की कवायद हुई थी। जोर-शोर के साथ अस्तित्व में आए गठबंधन का कुनबा दिल्ली बैठक तक करीब दो दर्जन से अधिक छोटी-बड़ी पार्टियों का था । अब स्थिति यह है कि पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ), एकजुटता की इस कवायद की अगुवा जनता दल यूनाइटेड के साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सियासत में मजबूत दखल रखने वाली जयंत चौधरी की पार्टी राष्ट्रीय लोक दल इंडिया गठबंधन से नाता तोड़ चुके हैं। ममता ने एकला चलो का नारा दे दिया है तो वहीं जेडीयू और आरएलडी, एनडीए में बीजेपी के साथ जा चुके हैं. अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने दो टूक कह दिया है कि हम कांग्रेस को दिल्ली में एक लोकसभा सीट देने के लिए तैयार हैं। पार्टी ने गुजरात की भरूच और भावनगर के साथ ही साउथ गोवा लोकसभा सीट से अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान भी कर दिया है। पीएम पद की रार हो या आपसी मतभेद, पटना में हुई पहली बैठक से ही एक तरह से मध्यस्थ के रोल में नजर आई जम्मू कश्मीर की नेशनल कॉन्फ्रेंस के तेवर भी अब तल्ख होते नजर आ रहे हैं। फारूक अब्दुल्ला ने सीट शेयरिंग को लेकर गठबंधन में बातचीत फेल बताते हुए केंद्र शासित प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान कर दिया है । फारूक ने एनडीए के साथ जाने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया है। इंडिया गठबंधन में शामिल रहीं पांच पार्टियों- समाजवादी पार्टी (सपा), आम आदमी पार्टी, शिवसेना (यूबीटी), जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और लेफ्ट को छोड़ दें तो बाकी के दल कभी ना कभी यूपीए में शामिल रहे हैं। सपा और लेफ्ट ने भी यूपीए सरकार का समर्थन किया था, लेकिन बाहर से. अब ताजा तस्वीर देखें तो इन पार्टियों में से जेडीयू इंडिया गठबंधन से एग्जिट कर चुकी है । सपा सीट शेयरिंग को लेकर जारी बातचीत के बीच उम्मीदवारों की एक लिस्ट जारी कर चुकी ह। इसे भी कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के लिए सख्त संदेश की तरह ही देखा जा रहा है। ऐसे में अब यह सवाल भी उठ रहे हैं कि इंडिया गठबंधन के पास बचा क्या?जो की लाजमी है।

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