इजरायल और हमास के बीच पिछले महीने से युद्ध जारी है, जिसमें अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है। गाजा पट्टी को इजरायल ने मिसाइल हमले कर-करके पूरी तरह से धवस्त कर दिया है।इस बीच, इजरायल ने पहली बार आयरन बीम लेजर गन का इस्तेमाल किया है, जोकि हमास के लिए काल बन गया है। यह मशहूर आयरन डोम की मिसाइलों से भी काफी सस्ता है और इसका निशाना भी अचूक है। इसे भविष्य का एयर डिफेंस सिस्टम भी माना जाता है। इस हमले में हमास का रॉकेट मार गिराया गया। माना जा रहा है कि वॉर जोन में पहली बार लेजर बेस्ड एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल हुआ है। यह सिस्टम ताकतवर लेजर लाइट के जरिए काम करता है और रास्ते में आने वाले ड्रोन्स और मिसाइल को मार गिराता है। इजरायल पिछले एक दशक से इस हथियार को तैयार कर रहा था। शुरुआती लक्ष्य 2025 तक इसे पूरी तरह से तैयार कर लेने का था, लेकिन अभी ही यह तैयार हो गया है और गाजा से दागे गए हमास के रॉकेट को इसने मार भी गिराया।
‘द सन’ ने इजरायली टीवी स्टेशन चैनल 12 के डिफेंस रिपोर्टर हालेल बिटन रोसेन के हवाले से बताया कि इस हथियार ने रॉकेट को सफलतापूर्वक इंटरसेप्ट कर लिया। अक्टूबर के अंत में यह खबर आई थी कि इजरायल आने वाले हमास रॉकेटों के खिलाफ आयरन बीम का परीक्षण करने की योजना बना रहा है। हालांकि, अब जब इसकी सफल टेस्टिंग हो गई है, तो भी वह पूरी तरह से डेवलप करने में लगा हुआ है। रक्षा प्रमुखों का लक्ष्य है कि आयरन बीम 2024 में पूरी तरह से इस्तेमाल करने के लायक तैयार हो जाए। दावा किया गया है कि वर्तमान में सौ से अधिक इंजीनियर इस परियोजना पर काम कर रहे हैं। इसको बनाने वाले राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स ने कहा है कि इसे कम दूरी की मिसाइलों और प्रोजेक्टाइल को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है।
राफेल ने कहा कि इसे कुछ सौ मीटर की दूरी से लेकर कई किलोमीटर तक की दूरी तक के खतरों को रोकने के लिए डिज़ाइन किया गया है। कंपनी का दावा है कि आयरन बीम की 100 किलोवाट लेजर और 7 किमी की रेंज का मतलब है कि यह सटीकता के साथ खतरों को मिटा देता है। चूंकि यह प्रणाली जहाजों को ड्रोन झुंडों और जहाज-रोधी मिसाइलों से बचा सकती है, इसलिए इसका उपयोग जमीन और समुद्र दोनों पर किया जाना तय है। इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल सिक्योरिटी स्टडीज के डॉ. येहोशुआ कालिस्की का मानना है कि सिस्टम जल्द ही पूरी तरह से चालू हो सकता है। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि यह बहुत जल्द चालू हो जाएगा।” उन्होंने आगे कहा कि यह एक स्टैंडअलोन प्रणाली नहीं है। इसे सभी वायु सुरक्षा के साथ जोड़ा जाना चाहिए। यदि यह एकीकृत नहीं है तो यह बेकार होगा।
इजरायल के पास इसके अलावा भी कई अन्य हथियार हैं, जोकि एयर डिफेंस सिस्टम की तरह काम करते हैं। इनके नाम, एरो 2, एरो 3, डेविड स्लिंग और आयरन डोम हैं। इजरायली रक्षा मंत्रालय के मिसाइल रक्षा विशेषज्ञ उजी रुबिन ने कहा कि आयरन बीम आयरन डोम प्रणाली का एक सस्ता विकल्प है। आयरन डोम की प्रत्येक फायरिंग के लिए 60,000 डॉलर की लागत लगती है, जबकि एक लेजर बीम की लागत सिर्फ कुछ डॉलर हो सकती है। इजरायल का आयरन डोम भी दुनिया में अपनी तरह के पहले मिसाइल इंटरसेप्टर में से एक है। इसे 4 किमी से 70 किमी की दूरी से दागे गए कम दूरी के रॉकेट और 155 मिमी तोपखाने के गोले को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। आयरन डोम का निर्माण शहरी क्षेत्रों की दिशा में यात्रा करने वाले रॉकेटों को रोकने और उन्हें नीचे लाने के लिए किया गया था। इजरायल ने डोम की सीमा बढ़ाने और इसे अपग्रेड करने की योजना बनाई है ताकि वह अंततः रॉकेटों को दो दिशाओं से आने से रोक सके।