हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद से गौतम अडानी समूह (Adani Group) सवालों के घेरे में है। बीते कुछ महीनों से भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) अडानी समूह पर लगे आरोपों की जांच कर रहा है।अब सेबी ने अडानी समूह और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड के फंड को भी अपने जांच के घेरे में ले लिया है। इस फंड का नाम गल्फ एशिया ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट है।
अडानी ग्रुप और फंड के कनेक्शन की जांच
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सेबी, अडानी समूह और गल्फ एशिया ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट के संबंधों की जांच कर रहा है। बीते महीने फंड के वेबसाइट पर बताया गया था कि इसका स्वामित्व दुबई के व्यवसायी नासिर अली शाबान अहली के पास है। हालांकि अब वेबसाइट को हटा दिया गया है। खोजी पत्रकारों के ग्लोबल नेटवर्क ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) द्वारा रॉयटर्स को उपलब्ध कराए गए डेटा के मुताबिक इस फंड ने अडानी समूह के कंपनियों में निवेश किया है। अब जांच में सेबी जानना चाहती है कि इस फंड के पीछे वास्तव में कौन है और क्या इसका अडानी ग्रुप से किसी भी तरह का संबंध है।
हिंडनबर्ग ने लगाए थे आरोप
बता दें कि अमेरिका की शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने जनवरी महीने में अडानी समूह पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। आरोप था कि अडानी समूह ने शेयरों के वैल्युएशन में गड़बड़ी की है। इसके अलावा शेल कंपनियों के जरिए अपनी लिस्टेड कंपनियों में पैसे लगाए हैं। इन तमाम आरोपों पर अडानी समूह कई बार सफाई दे चुका है।
हालांकि, आरोपों की वजह से अडानी समूह के शेयरों और गौतम अडानी की व्यक्तिगत दौलत में ऐतिहासिक गिरावट आई थी। इस वजह से शेयर बाजार भी अस्थिर हो गया था। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में गया और कोर्ट के आदेश के बाद सेबी अडानी समूह पर लगे आरोपों की जांच कर रहा है।