लोकसभा चुनाव से पहले एमपी विधानसभा चुनाव में सीटों को लेकर सपा और कांग्रेस में तकरार इंडिया गठबंधन में टूट की कगार तक पहुंच चुकी है। अखिलेश ने कांग्रेस को चेताया भी था कि जिस तरह का व्यवहार अब हो रहा है उसी तरह का लोकसभा चुनाव में होगा।
उनका इशारा यूपी में सीटों के बंटवारे को लेकर था। अब बुधवार को अखिलेश यादव ने बड़ा बयान दिया है। अखिलेश यादव ने कहा कि गठबंधन हुआ तो 65 नहीं तो सभी 80 सीटों पर सपा लड़ेगी। इस बयान से अखिलेश ने साफ कर दिया है कि जयंत की रालोद और कांग्रेस को सपा 15 से ज्यादा सीटें नहीं देने जा रही है।
लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर लखऊ में समाजवादी पार्टी ने बुधवार को राज्य कार्यकारिणी की बैठक की। सपा ने कांग्रेस से मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में छह सीटें मांगी थी। कांग्रेस ने देने का आश्वासन भी दिया। सपा और कांग्रेस के बीच कई बैठकें भी हुईं। लेकिन पिछली बार सपा की जीती हुई सीट पर भी कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी उतार दिया। इसी के बाद दोनों दलों के बीच रार शुरू हो गई। सीटों को लेकर धमकाने तक की बयानबाजी होने लगी। सपा ने रायबरेली और अमेठी में भी प्रत्याशियों को उतारने की बातें कह दीं।
इसी के बाद कांग्रेस ने सपा पर दबाव बनाने के लिए यूपी में मायावती से गठबंधन की चर्चाओं को हवा दी। इसी बीच अखिलेश यादव के आज के बयान से तय हो गया है कि यूपी में कांग्रेस और सपा के बीच गठबंधन की गुंजाइश अभी जिंदा है। हालांकि कांग्रेस और रालोद को 15 सीटों तक सीमित रखने की अखिलेश की कोशिश कितनी सफल होती है, यह मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद ही साफ हो सकेगा।
अखिलेश ने इस दौरान बूथ प्रबंधन पर जोर दिया। इसके साथ ही गुटबाजी खत्म करने को कहा गया।राज्य कार्यकारिणी के पदाधिकारियों को विधानसभा वार प्रभारी बनाया गया। अब राज्य कार्यकारिणी के पदाधिकारी विधानसभा में पार्टी को मजबूत करेंगे।
बैठक में पीडीए का मुद्दा भी उठा। पीडीए में ए का मतलब अगड़ा, आदिवासी और आधी आबादी बताया गया। समाजवादी पार्टी ने पदाधिकारियों को वोटर लिस्ट को दुरुस्त करने के भी निर्देश दिए। कटे या काटे गए नाम को जुड़वाने के निर्देश दिए गए। बैठक में प्रो. रामगोपाल और शिवपाल सिंह यादव भी मौजूद रहे।